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शेयर बाजार एक परिचय .stock market a introduction.

 एक कहावत है कि, पैसे की अहमियत उतनी ही है जितनी ट्रेन के लिए बिछाई गई पटरी की | शायद या बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो पैसे को ज्यादा   importance न देते हों | पर जब हम अपनी बुनियादी ज़रूरतों से परे सोचने लगते हैं तब हम समाज में अपनी reputation(प्रतिष्ठा) और competition बरकरार रखने के लिए हम पैसे को ज़रुरत नहीं बल्कि, अधिकार के रूप में पाने की कोशिश करने लगते हैं| इसके लिए हम अपने आप को कुशल पूर्वक तैयार करते हैं | और फिर व्यापार या जॉब की कामना करते हैं जहाँ पैसों से अपने सपनों को पूरा कर इस समाज में अपनी पहचान कायम रख सकें |



पर जैसे -जैसे Human population का दर बढ़ता जा रहा है रोज़गार की समस्या उतनी ही मुश्किल  होती जा रही है, हमारे देस में यह समस्या और भी जटिल है|  

पैसे कमाने की तीव्र इच्छा हमे हर वो कार्य करने को प्रेरित करती है कि,  हम particular उस field की पूरी जानकारी लिए बिना ही काम करने लगते हैं| जिससे कभी-कभी मुश्किलोँ  का भारी  सामना करना पर सकता है| जिनमे से एक है stock market

आगे हम जानेंगे 

* शेयर मार्किट क्या है | 

* यह काम कैसे करता है | 

* इसमें रिस्क क्या है 

* हमें कितना रिस्क लेना चाहिए 

* शेयर मार्किट क्या है |   देस ,दुनिया में बहोत सी compenys है जो उस देस को बढ़ाने में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं | और हर compeny अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए नये-नये प्रयोग भी करती रहती है जिसके लिए उन्हें पूँजी की आवश्यकता  पड़ती है, कंपनी के फाउंडर के पास अगर पैसे है तो उस compeny को विस्तार के लिए उन पैसो का प्रयोग कर सकती है |

इसके अलावा भी उस कंपनय के पास विकल्प हैं  

1. bank loan

2. public funding  

1. bank loan :- particular वह compeny किसी बैंक से loan लेकर अपना विस्तार कर सकती है पर इस स्थिति में कंपनी के अपने फ़ायदे और नुकसान है, अगर वह कम्पनी फायदे में है तो उस स्थिति में बैंक को केवल लिए हुए ऋण (loan) पर केवल ब्याज़ (intrest rate) देना होता है | जो की उस कम्पनी के लिए फायदे का सौदा होगा | पर नुकसान की स्थिति में भी same rule लागू होगी  | इस स्थिति में compeny  को अपनी हिस्सेदारी  (stake) बेचकर बैंक लोन चुकता करना पर सकता है| पर बैंक के पास इन बड़ी कंपनियों को लोन देने के लिए इतना fund नहीं होता | ऐसे में यह

2.   public funding करती हैं जैसा की नाम से ही स्वाभाविक है की ये कंपनियां अपनी कंपनी को बढ़ाने के लिए public (आम जनता) से फंडिंग करवाती हैं जिनके बदले compeny  उन्हें अपनी (share) हिस्सेदारी देती है | इस स्थिति में शेयर खरीदने वाला उस कंपनी पर अपने द्वारा दिये गए पैसो की value के बदले indirectly  मालिकाना हक़ रखेगा जब तक वह अपने शेयर को बेच नहीं देता | और उस compeny का नफ़ा नुक़सान शेयर धारक द्वारा खरीदे गए शेयर की value पर भी पड़ेगा |  

उदहारण के लिए हम मान लेते है की एक ABC कंपनी है जिसकी वैल्यू एक करोड़ है और उसने एक लाख शेयर public से funding करने के लिए issue किये तो एक शेयर की कीमत 100 रुपये होगी और आप 100 शेयर


खरीद लेते हैं तो आप उस एक कऱोड की कंपनी में 10000  रुपये की value रखतें हैं | तो इस तरह कंपनी के पास grow करने के लिए fund आ गए और आपके पास उस कंपनी का शेयर | और आप बन गए share holder.  हम इसे एक exampel में समझतें हैं,

                                                             मान लेते है की आप एक startup करना चाहते हैं | जिसके लिए आपको 20000 रुपये की जरूरत है और आपके पास केवल 10000 रुपये हैं, तो आप अपने फ्रेंड के पास जातें है और अपना प्रपोज़ल रखते है और 10000 अपने friend से ले कर अपना business स्टार्ट करतें हैं | future में अगर आपके business में profit होता है तो ऐसे में उस profit के 50% का अधिकार  आपका फ्रेंड होगा | यही  स्थिति stock market में होती है बस वो compeny अपने दोस्त के पास जाने की जगह पूरी दुनिया के पास जाकर कहती है की आओ और मेरी compeny  में शेयर खरीदो | 

                                                                                     पर कोई भी कंपनी अपनी value का 50% से ज्यादा शेयर publish नहीं करती है ऐसा करने से उस company  में decisions लेने का अधिकार उसे मिल जाएगा जिसने 50% या उस से ज्यादा के शेयर लिए हैं |   

शेयर मार्केट  एक बहोत बड़ा subject  है और हम सभी इस  से direct या indirect रूप से जुड़े हुए हैं produt,insurance,matualfund,bank,project,eetc,

आगे हम समझेंगे की, शेयर मार्किट काम कैसे करता है ?




 

                                                   




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